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परागण(pollination)

  परागण क्या है? जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को  परागण  कहते हैं परागण की क्रिया दो विधियों द्वारा होती है:- 1 स्वपरागण 2 परपरागण [1] 1  स्वपरागण  :- जब परागण की क्रिया किसी पुष्प के परागकोष से परागकण निकलकर उसी पौधे के पुष्प पर प‍डता है तो वह  स्वपरागण  कहलाता है। 2 परपरागण :- जब परागण की क्रिया किसी पुष्प के परागकोष से परागण निकलकर अन्य पौधे के पुष्प पर पड़ता है तो वह  परपरागण कहलाता है।

जनन(reproduction)

 जनन(reproduction)  -  आइए जानते हैं जनन के बारे में जब एक जीव अपने    सामान एक छोटे से जीव को जन्म देता है अतः संतति में वृद्धि होती है उसमें परिपक्वता आती है तथा इसके बाद वह नई संतति को जन्म देता है इस प्रक्रम को जनन कहते हैं । जनन दो प्रकार के होते हैं-    1 लैंगिक जनन     2 अलैंगिक जनन  1 लैंगिक जनन- जब दो जनक (विपरीत लिंग वाले) जनन प्रक्रिया में भाग लेते हैं तथा नर और मादा युग्मक  मैं युग्मन होता है तो यह लैंगिक जनन  कहलाता है 2  अलैंगिक जनन- जब संतति की उत्पत्ति एकल जनक द्वारा युग्मक निर्माण की भागीदारी के साथ अथवा इसकी अनुपस्थिति में हो तो वह जनन अलैंगिक जनन कहलाता है  अलैंगिक जनन से उत्पन्न जीव जनक के समरूप ही नहीं बल्कि अपने जनक के एकदम समान होते हैं ऐसे जीवो को क्लोन कहा जाता है     

Class 12th Jeev Vigyan NCERT solution

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           Chapter 1                                  Exercise  1. जीवो के लिए जनन अनिवार्य क्यों है ? उत्तर- जनन जीवो का महत्वपूर्ण गुण है इसी की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी पर विभिन्न जीवों का अस्तित्व बना हुआ है। 2 जनन की अच्छी विधि कौन सी है और क्यों ?  उत्तर- लैंगिक जनन विधि को  अच्छा माना जाता है इस विधि से बनी   संततियां जनको से बिल्कुल भिन्न होती हैं क्योंकि इसमें माता और पिता दोनों से जनन द्रव्य प्राप्त होता है। साथ ही युग्मक बनने से पहले गुणसूत्रों में जीन विनिमय की क्रिया के फल स्वरुप नए संयोजन बनते हैं जो  युग्माको  के  द्वारा   संततियो में आ जाते हैं। 3 अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न हुई संतति को क्लोन क्यों कहा जाता है ?  उत्तर- आकारिकी तथा अनुवांशिकी रूप से एक समान जीवो के लिए क्लोन शब्द की रचना की गई है अलैंगिक जनन के परिणाम स्वरूप जो संतति उत्पन्न होती है वह केवल एक दूसरे के समरूप ही नहीं बल्कि अपने जनक के अनुवांशिक रूप से भी समान होती है इसलिए अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न संतति को क्लोन कहा जाता है। 4 लैंगिक जनन के परिणाम स्वरूप बनी संतति को जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं